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बृहस्पति देव की कथा और आरती || बृहस्पति भगवान की कथा || विष्णु भगवान की व्रत की कथा || विष्णु भगवान की कथा और आरती Lyrics || brihaspativar vrat katha || वीरवार की व्रत कथा आरती || brihaspativar vrat katha aarti

बृहस्पति देव की कथा और आरती || बृहस्पति भगवान की कथा || विष्णु भगवान की व्रत की कथा || विष्णु भगवान की कथा और आरती Lyrics || brihaspativar vrat katha  || वीरवार की व्रत कथा आरती || brihaspativar vrat katha aarti भगवान बृहस्पति देव की पूजा अर्चना के लिए बृहस्पतिवार को व्रत करके बृहस्पतिवार की व्रत कथा को पढ़ने अथवा किसी दूसरे स्त्री पुरुष द्वारा सुनने की प्राचीन परंपरा है। बृहस्पतिवार का व्रत करने और व्रत कथा सुनने से स्त्री पुरुषों की सभी मनोकामना मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस व्रत से धन संपत्ति की प्राप्ति होती है। नीः संतानों की को पुत्र प्राप्त होती है परिवार में सुख शांति बनी रहती है सभी आनंद पूर्वक रहते हैं। व्रत करने की विधि  बृहस्पतिवार को सूर्य उदय से पहले उठकर स्नान आदि से निर्मित होकर, भगवान बृहस्पति देव का स्मरण करते हुए व्रत का प्रारंभ करना चाहिए। उपासक को घर के किसी कक्ष में छोटा अथवा बड़ा पूजा स्थल बनाकर उसमें भगवान बृहस्पति की पूजा की जा सकती है। भगवान बृहस्पति देव पूजा में पीले रंग के पुष्प और पीले रंग की सामग्री को विशेष रूप से पसंद करते हैं। इसलिए स्नान के बाद पीले रंग